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Wednesday, March 27, 2013

THE IMMORTALS OF MELUHA by Amish Tripathi

मित्रों, SHIVA TRILOGY का पहला पार्ट =>"THE IMMORTALS OF MELUHA" पढ़ लिया! पढ़कर चमत्कृत हूँ! हतप्रभ हूँ! और बहुत ही, ...बहुत ही खुश भी कि 'अमीश' (Amish Tripathi) के रूप में भारत में एक ऐसे लेखक का अभुदय हुआ, प्रादुर्भाव हुआ है जिनके लेखन को , मैं, -कम-से-कम- मैं  तो विश्वस्तरीय कहूँगा, जिनके लेखन को समूचे देश में सराहा गया, अपनाया गया, प्रशंसा की गई, और की जाती रहेगी! सभी के लिए पढने योग्य, बहुत ही सरल भाषा में अत्यंत ही वृहद् और विषद कथानक! शानदार प्रस्तुति! पठनीय! पठनीय!! पठनीय!!! एवं _संग्रहनीय! किताब के पीछे छपे आखिरी लाइनों में 'अमीश' की तुलना Paulo Coelho से की गई है!

'शिव'
शिव एक आम आदमी है! तिब्बत स्थित 'कैलाश पर्वत' के भू-भाग में 'मानसरोवर' झील के पास के एक काबिले का कबीलाई नेता है! उसे अपने अतीत का ज्ञान नहीं! वहां उसका बचपन का साथी भद्र है, जिसके साथ चिलम(में भरे गांजे) का कश खीचना, और आये दिनों अन्य कबीलों के साथ होने वाली लड़ाइयों के वह आदि हो चुके हैं! पर शिव को चैन नहीं! उसे बार-बार अपने चाचा की बात याद आती है जो कहता था कि ये तिब्बती काबिले की सरदारी उसका प्रारब्ध नहीं है! तो फिर उसका प्रारब्ध क्या है?

इस किताब के किरदार 'शिव-पुराण' के अनुसार ही हैं; अलबत्ता उनकी एंट्री, और उनका पद(ओहदा), उनकी महत्ता और शिव के साथ उनका संपर्क और सम्बन्ध कहानीकार ने अपनी शैली में रचा है, जो कथानक को सहस्रों शताब्दियों पहले की कथा न कहकर वर्तमान युग के शुरूआती देश-काल (Before 1900 BC) की चर्चा करता है! फिर भी कहानी में शिव के आगामी जीवन में आने वाले और पात्रों के नाम भी पुरातन 'शिव-पुराण' के अनुसार ही हैं! सिर्फ कहानी कहने का यह ढंग है कि शिव को "भगवन शंकर" कदापि न समझकर एक साधारण इंसान के रूप में स्वीकार कर कथानक के प्रवाह के साथ हो लिया जाय! आगे आने वाले किरदार भी (पुरातन) नामकरण वाले हैं, जो आते जाते हैं; लेकिन कई ऐसे भी हैं जिनके नाम जाने/पढ़े हुए होने के बावजूद, उनके पद(ओहदा), और कार्य आपको चमत्कृत करेंगे, सवाल खड़े करेंगे और उत्तर जानने के लिए आप पन्ना पलटते जाने को विवश हो जायेंगे!

नंदी! दक्ष! सती! और ब्रहस्पति ! _ये सभी मेलुहवासी सूर्यवंशी हैं! पर्वतेश्वर! _ये एक दबंग किरदार है (पढ़ते समय बारम्बार -पता नहीं क्यों, राज बब्बर का चेहरा- सामने आ जाता है!!); ये सती के धर्मपिता और सूर्यवंशी मेलुहा साम्राज्य का सेनाधिपति है; इनकी धर्मपुत्री होने के कारण ही सती का एक नाम 'पार्वती' भी है! दक्ष सूर्यवंशी साम्राज्य के राजा हैं! नंदी एक साधारण अधिपति(कप्तान) है, जिनके साथ तिब्बत से शिव का 'मेलुहा' आगमन होता है! सती, राजा दक्ष की बेटी है। और ब्रहस्पति _एक सरयूपारी ब्राम्हण हैं जो मेलुहा का प्रधान वैज्ञानिक है जिसके जिम्मे "सोमरस" के अलावे और भी कई ऐसे अनुसंधानों का जिम्मा है जिसमे सर्वत्र का हित है, जो शिव से मिलते ही उसका मित्र बन जाता है। जबकि पर्वतेश्वर, रामभक्त और उनके आदर्शों का बहुत ही कट्टर अनुयायी है, जो क़ानून और नियम भंग के खिलाफ है! जिसे "नीलकंठ" के ऊपर कोई भी अंधविश्वास नहीं है! पर धीरे-धीरे ... कुछ होता है! किताब में पढ़िए ....! 'आयुर्वती' साम्राज्य की चिकित्सक हैं!

पश्चिमी छेत्र के सूर्यवंशियों की राजधानी "देवगिरी" की _पूरब की ओर के चंद्र्वंशियों से पुरानी शत्रुता है! चंद्र्वंशियों की राजधानी "अयोध्या" है!! सबको यकीन हैं कि चंद्र्वंशियों ने ही "नागाओं" को अपने साथ मिला लिया है जो आये दिन मेलुहा; जो दरअसल 'सप्त-सिन्धु' की वजह से -India- है, पर आतंकवादी हमला कर उसे तबाह करने पर तुले हैं! नागा _जो अपना चेहरा कभी नहीं दिखाते; जो हमेशा एक "फणदार चोंगा" और नकाब पहने होते हैं, जो कतई यकीन के काबिल नहीं, अत्यंत ही भयानक और निर्दयी हैं, बहुत ही काबिल योद्धा हैं! चंद्र्वंशियों को इस किताब में खलनायक और नागाओं को उनका साथी बताया गया है, _क्या वाकई ऐसा ही है!!?? ...फिर एक नागा! _वही नागा जो सती के पीछे शुरू से पड़ा है, क्यों नदी में डूबती दो स्त्रियों की मगरमच्छ से रक्षा करता है, जो एक स्त्री के द्वारा कोसे जाने पर भावुक होकर रोने जैसा हो जाता है ..!!??

चंद्रवंशी _जिनके राजा 'दिलीप' हैं, उके पुत्र का नाम 'भगीरथ' है और पुत्री का नाम 'आनंदमयी' है! क्या ये सचमुच इस किताब के खलनायक हैं!? हाँ! तो कैसे? नहीं! नहीं!? तो ..तो क्या रहस्य है!!? वे नागाओं जैसे निक्रिष्ट्तम "आतंकवादियों' से मिलकर सूर्यवंशियों के खिलाफ लागातार आक्रमण पर आक्रमण क्यों किये जा रहे हैं?

छोटी झड़प हो, छापामार लड़ाई हो, बड़ा हमला हो या छोटा, या फिर युद्ध ही क्यों न हो; इनका प्रस्तुतीकरण इतने कमाल का है जो हमें उसी युग और देश-काल की सैर कराता है जो लेखक की रचना दिखाना चाहती है! (दिमाग में 'ग्लैडियेटर' के युद्ध का दृश्य उभरता है!)

सती _का किरदार शुरुआत में कई उलझनें पैदा करता है; जिनका उत्तर मिलने पर एक-बा-एक हम आवक-से हो जाते हैं; जिन्होंने एक दीर्घ-आयु जिया है, जो कोमल हैं; नृत्य सीखतीं हैं, जो एक वीरांगना हैं! अदभुद योद्धा! जिनके क्रोद्ध में भगवती भवानी की छवि दिखेगी! "अग्निपरीक्षा" क्या और कैसे होती है वो इस किताब में पढ़िए! सती, शिव से प्रेरणा पाकर "तारक" जैसे एक भयानक और महाशक्तिशाली योद्धा को पराजित करतीं हैं और जो उसकी जान न लेकर उसे क्षमा कर देतीं हैं! लेकिन जो विकर्म/अछूत/शापित/पूर्वजन्म के दुष्कृत्यों की वजह से शापित है!!? आखिर क्यों? पूरे देश में ही विकर्म व्यवस्था से शिव आहत है! .......बे-शक शिव-सती का विवाह होता है; लेकिन उसे होते पढना एक रोमांचकारी यात्रा है जिसे हरेक "पढ़ाकू" पढना चाहेगा। पढ़-पढ़कर फिर पढना चाहेगा!

अपनी यात्रा में शिव कई ऐसे क्षणों से और हालातों से गुजरता है कि आप भावविभोर होंगे, और रोमांचित भी!
शिव _नटराज से नीलकंठ, नीलकंठ से महादेव (देवों के देव!) बनता है। ऐसा कोई अंधविश्वास उसे बनाता है या कोई अटल विशवास, या उसके कर्म या उसका प्रारब्ध? क्या वह प्रभु श्री राम के छोड़े अधूरे कार्यों को पूरा कर पायेगा? क्या शिव को उसके सभी सवालों के जबाब मिल जाते हैं?

ब्रहस्पति की प्रयोगशाला मंदार पर्वत पर है! जहाँ सोमरस बनाया जाता है और भी अन्य अनुसंधान किये जाते है! शिव-सती के विवाह के पश्चात ही उस पर एक आतंकवादी हमला होता है जिसमे समूचा पर्वत और प्रयोगशाला ध्वस्त हो जाते हैं! चारों तरफ तहस-नहस हो चुके प्रयोगशाला की ईमारत के अवशेष और कई-कई व्यक्तियों की छिन्न-भिन्न लाशें पड़ीं हैं! चारों तरफ खूनआलूदा अंग-प्रत्यंग बिखरे पड़े हैं लेकिन उनमे से किन्ही से ब्रहस्पति के बारे में पक्की सूचना नहीं मिलती कि वे जीवित है या भयानक विस्फोटों में वे पूर्णतः जलकर ख़ाक हो गए! ...शिव क्रोध में है! वह बारीकी से घटनास्थल की पड़ताल करता है तो उसे एक चमड़े का ब्रेसलेट मिलता है जिस पर तीन साँपों द्वारा '-ॐ-' की आकृति बनी हुई है!! शिव घोषणा करता है कि वह किसी प्रयोग की वजह से घटी कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि सोची-बिचारी साजिश थी जिसके पीछे उसी नागा का हाथ है जिसके साथ शिव-सती की भिडंत हो चुकी है! अपने भ्राता सामान मित्र ब्रहस्पति की हत्या का बदला लेने के लिए कठोरतम शपथ लेकर शिव चंद्र्वंशियों के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर देता है!!

"अरिष्टनेमि" कौन थे?
"हर हर महादेव" जैसे उद्घोष की क्या व्याख्या है!?

किताब का नाम "IMMORTALS"अमर"/मृत्युंजय रखने का क्या अभिप्राय है! क्या सभी "अमृत" पिए हुए हैं!!?

इस किताब के और दो भाग पढने हैं अतः एक सवाल मुझे अभी से परेशान कर रहा है! वो ये कि हमारे हिन्दू धर्मग्रंथों (शिव-पुराण, जिसका मैंने एक बार अध्ययन करने का सौभाग्य पाया है) में राजा दक्ष को शिव का परम विरोधी बताया गया है। जबकि अभी तक जो 'दक्ष' का रूप सामने आया है उसमे श्रीराम के पिताश्री दशरथजी के सामान प्रेम और वात्सल्य है। जिन्हें भगवन शंकर और दक्ष की शत्रुता का पता है; असमंजस में हैं, और उत्कंठा के मारे मेरा तो बुरा हाल है कि आगे क्या हुआ, या होगा?? यदि अमीश की कहानी पुराण को ही फॉलो करती है तो (अमिश की किताब में) ऐसा क्या हुआ होगा जिससे राजा दक्ष जैसा शिवभक्त, शिव का विरोधी ही नहीं बल्कि शत्रु बन जाता है!? खैर ये तो आगे की बात है....

पूरे उपन्यास का विश्लेषण करना मेरे लिए असंभव है क्योंकि मैं इसके योग्य नहीं! फिर भी शिव के मित्र भद्र का वीरभद्र नामकरण, त्रिशूल का वजूद में आना, शिव का सौम्य स्वभाव और उसकी व्यूह रचना और उसका युद्ध कौशल, और उसका क्रोध, अग्निबाण की सत्यता, _सती पर उसका प्रयोग और परिणाम!; सोमरस और सरस्वती नदी का रहस्य आपको चमत्कृत करेगा और लोमहर्षक अनुभूति का अहसास कराएगा! चंद्र्वंशियों की असलियत जिनका (इसी किताब के) आखिर में पता लगने पर आपको सच्चा रोमांच होगा।

यह किताब जिस तरह समाप्त(नहीं) होता है; व्यग्र करता है कि बिना कुछ विचारे दुसरे भाग को थाम लिया जाय..;

शिव अपने सवालों के जबाब के लिए अयोध्या स्थित 'रामजन्मभूमि' मंदिर में जाता है जहाँ उसे 'तीसरा' पुरोहित/पंडित मिलता है जो उसके सवालों के जबाब देने वाला है! वहां तक वह छिपते-छिपाते आया है! मंदिर से अपने विश्राम गृह को लौटने के क्रम में मंदिर के प्रांगन में ही उसे सती (-शिव की पत्नी बन चुकी सती-) से मुलाक़ात होती है, जो अपने पति की चिंता और अनुराग में उसके पीछे वहां आ गई है ...कि अचानक वही, _वही, _वही खतरनाक 'नागा' जो अत्यंत ही भयानक शत्रु प्रतीत होता है, उन पर घात लगा कर जानलेवा हमला कर देता है .......
to be continued ....
धत्त!तेरे की!!
ऐसे तो यार अखबारों में कार्टून ही छापे जाते थे!!
...तो मिलते है फिर दुसरे भाग के बाद ...
सादर नमस्कार.
_श्री .
PS: दीपांशु जी की सलाह से ली गई किताब "-the alchemist_", written by Paulo Coehlo; मेरे हाथों में है! और SHIVA TRILOGY के शेष दोनों भाग भी, असमंजस में हूँ कि पहले किन्हें पढूं! क्या TOSS करूँ? देखते हैं जी ...