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Wednesday, January 16, 2013

हीईईयाआह !!! सु-स्वागतम! जी आया नूं ! पैरी पौना जी! जी सर!पाठक सरजी ! पधारो जी! सादर प्रणाम!
हह:!हह:! हह:!
अब मुझे लगता है कि थोडा रूक जाना चाहिए! रूककर थोड़ा आत्मविश्लेषण जरूरी है।



'चल भई ! सीक्रेट एजेंटाँ !! तेरी रोटी-शोटी करिए।'
'.............!!!'
_श्री .